आदिवासी सारना समिति ईचागढ़ के तत्वावधान में हुआ सरहुल महोत्सव
1 min readसरायकेला-खरसावां जिला के ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र के कुईडीह के डुमटांड़ मोड़ में आदिवासी सारना समिति ईचागढ़ के तत्वावधान में सरहुल पूजा व सरहुल नृत्य का आयोजन किया गया। आदिवासी सरना समिति द्वारा आयोजित पांचवां वार्षिक सरहुल महोत्सव का उद्घाटन प्रमुख गुरूपद मार्डी,मुखिया संगीता देवी , अभिराम उरांव, देवेन्द्र बेसर,लालदेव सिंह मुण्डा,राजेन सिंह मुण्डा, राम सिंह मुण्डा आदि ने फीता काट कर किया। वहीं उपस्थित अतिथियों को पूजा समिति द्वारा माला पहनाकर व अंगवस्त्र देकर भव्य स्वागत किया गया।
सखुआ का डाली गाड़कर सरहुल का पूजा सरहुल पूजारी कृतिवास सिंह मुण्डा के द्वारा किया गया। हांडियां ,चावल व चेनगा का भोग लगाकर पूजा अर्चना किया गया। श्रद्धालुओं ने पूजा पाठ कर अच्छी फसल, निरोगता व सुख शांति का कामना किया । उपस्थित लोगों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।वहीं रांची जिला के न्यू झारखंड सांस्कृतिक कला मंच मुकरूमडीह के कलाकारों व चांडिल के युवा आदिवासी संस्कृति कला मंच हाथी कोचा उरमाल द्वारा एक से बढ़कर एक सरहुल पांता नृत्य का प्रस्तुती किया गया। सरहुल नृत्य में दर्शक भी जमकर थिरके। वहीं भाजपा नेता विनोद राय, विश्वनाथ उरांव, झामुमो नेता सुकराम हेम्ब्रम ने भी मादल नगाड़ा बजाकर लोगों को मनोरंजन कराया।
वहीं आयोजन समिति के संरक्षक अभिराम उरांव ने बताया कि आदिवासी रीती रिवाज से आदिवासी सारना समिति द्वारा डुमटांड़ मोड़ पर सरहुल महोत्सव का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक पूजा जब प्रकृति में चारों ओर फूल खिलते हैं तो सुर्य और प्राकृतिक का विवाह के मौसम में महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि सरना माता से सुख समृद्धि, अच्छी फसल व निरोगता के लिए कामना किया गया । उन्होंने कहा कि पुरे क्षेत्र के सहयोग से पुरे ग्रामीण सामुहिक रूप से सरहुल पूजा को महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।