July 27, 2024

INDIA FIRST NEWS

Satya ke saath !! sadev !!

हार्डकोर नक्सली बढ़न भुईंया गिरफ्तार, 19 साल से तलाश रही थी बिहार झारखंड की पुलिस

1 min read

बिहार :गया हार्डकोर नक्सली बढ़न भुईंया आखिरकार मंगलवार को पकड़ा गया. बढ़न भुईंया प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का हार्डकोर नक्सली है. बढ़न भुईंया 16 साल की उम्र में ही नक्सली संगठन में शामिल हुआ था
पिछले 19 साल से बिहार-झारखंड की पुलिस इसे तलाश रही थी. बढ़न भुईंया ने संगठन में शामिल होने के बाद एक के बाद एक नक्सली वारदातों को अंजाम देता रहा, लेकिन कभी पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पायी थी. गया के एसएसपी आशीष भारती ने इस बात की जानकारी दी. पुलिस इसे बड़ी सफलता मान रही है.

*कई बार मुठभेड़ में भी रहा शामिल*

बिहार और झारखंड दोनों राज्यों की पुलिस के लिए बढ़न भुईंया को गिरफ्तार करना अब तक संभव नहीं हो पाया था और बढ़न भुईंया उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका था. पांच साल पहले पुलिस और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में बढ़न भुईंया शामिल था, लेकिन वो बच कर निकलने में सफर रहा था. इसके बाद से वह फरार चल रहा है. 19 साल के इंतजार के बाद आखिरकार पुलिस ने बढ़न भुईंया को तलाश लिया और गिरफ्तार भी कर लिया है. हर बार की तरह इसबार पुलिस को चकमा देकर वो जंगल के रास्ते भागने में सफल नहीं रहा.

*पुलिस के लिए बड़ी सफलता*

इस बार गया के तरचुआं जंगल में जैसे ही वह देखा गया. सुरक्षाबलों ने घेराबंदी कर उसे गया के तरचुआं जंगल से दबोचा लिया. बढ़न भुईंया 16 साल की उम्र से अब तक नक्सली संगठन में अपना एक मुकाम बना लिया है. वह कई बड़े नक्सली वारदातों में अंजाम दे चुका है. 2018 में पचरुखिया जंगल में हुए मुठभेड़ में भी वह शामिल था. उसी समय से बढ़न की तलाश में पुलिस लगी थी. कई बार पुलिस ने छापेमारी भी की, लेकिन वह हाथ नहीं आया, लेकिन अब वह सुरक्षाबलों के हत्थे चढ़ गया है.

*आपराधिक इतिहास खंगालने में जुटी पुलिस*

एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि गया पुलिस ने नक्सलियों से सम्बन्धित वारदातों में संलिप्त अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष अभियान चलाया जा रही है. विशेष अभियान के तहत हार्डकोर नक्सली बढ़न भुइयां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. अब इसका गया, औरंगाबाद और झारखंड में नक्सली वारदातों में संलिप्तता का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार का यह इलाका झारखंड की बॉर्डर से मिला हुआ है. लिहाजा, जब भी सुरक्षाबलों की ओर से नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया जाता है तो ये लोग भागकर झारखंड चले जाते हैं, जिसकी वजह से अकसर सुरक्षाबलों का ऑपरेशन नाकाम साबित हो जाता है. ऐसे में इस नक्सली का गिरफ्तार होना सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी सफलता है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *