चंपई कैबिनेट में बदले जा सकते है कुछ मंत्री, विधायक रांची रवाना, JMM का राज्यपाल से सवाल?
1 min readधनबाद : झारखंड मुक्ति मोर्चा ने शनिवार को विश्वास जताया कि चंपई सोरेन सरकार आसानी से बहुमत साबित कर देगी। वहीं दूसरी ओर गठबंधन के विधायकों ने हैदराबाद के लियोनिया रिसॉर्ट को छोड़ दिया है।विधायक रांची के लिए रवाना होते देखे गए हैं। ये विधायक सोमवार को होने वाले शक्ति परीक्षण तक तोड़-फोड़ से बचने के लिए हैदराबाद में रुके हुए थे। हालांकि जेएमएम ने नई सरकार को फ्लोर टेस्ट लेने का निर्देश देने के लिए राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के फैसले पर भी सवाल उठाया।
वहीं पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्यपाल को स्पष्ट करना चाहिए कि किन कारकों ने उनके फैसले को प्रभावित किया। जब भी कोई सीएम इस्तीफा देता है, राज्यपाल एक कार्यवाहक सरकार की व्यवस्था करता है। क्या यहां ऐसा किया गया? हमने दावा पेश किया क्योंकि संख्या 31 जनवरी जैसी ही थी। उन्होंने हमारे नए विधायक दल के नेता को सीधे शपथ लेने के लिए क्यों नहीं कहा? आखिर किस ताकत ने राज्यपाल को ऐसा करने से रोका?सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा- हमने उसे अगले दिन फिर से बताया। हमने उन्हें सूचित किया कि राज्य में कोई राजनीतिक कार्यकारी नहीं है। वह चुप रहे, लेकिन जब उन्हें लोगों के दबाव का एहसास हुआ, तो उनको हमें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना पड़ा।
राज्यपाल ने विशेष सत्र बुलाने के कैबिनेट के फैसले को मंजूरी प्रदान की। फिर बहुमत साबित करने के लिए सिफारिश करने का क्या आधार था? सरकार अपना बहुमत साबित करेगी। इसके साथ ही सुप्रियो ने भाजपा को अविश्वास प्रस्ताव लाने की चुनौती दी।झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा- हमारे पास 47 सदस्यों का समर्थन है। जिन लोगों ने समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए थे, उन्होंने भी अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। शपथ ग्रहण में हमारी विधायक सीता सोरेन शामिल हुईं, वहीं लोबिन हेम्ब्रोम ने भी अपना समर्थन देने का ऐलान किया है। इस बीच, घटनाक्रम से जुड़े करीबी नेताओं ने बताया कि हेमंत कैबिनेट की तुलना में चंपई कैबिनेट में कुछ मंत्री चेहरों को बदले जाने की संभावना है।झामुमो के एक नेता ने कहा, सोरेन परिवार से कम से कम एक व्यक्ति, संभवत: बसंत सोरेन को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा।
सोमवार को चंपई सोरेन और हेमंत सोरेन के साथ चर्चा के बाद इस मुद्दे पर निर्णय की संभावना है। 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में झामुमो के पास 29, उसकी सहयोगी कांग्रेस के पास 17 सीटें हैं जबकि राजद और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के पास एक-एक सीट है। 43 विधायकों के समर्थन के साथ गठबंधन के पास फ्लोर टेस्ट से गुजरने के लिए पर्याप्त संख्या है।